Legal Question in Criminal Law in India
१.2007 से आजतक दो महीने भी नहीं रहीं।
२.आरोपी ने मेरे खिलाफ थाने में 498(a) तथा 3/4 लगाकर झुठे मामले 309/09 दिनांक 18-09-2009 को दर्ज कराये हैं।
३.आरोपी मनोरमा कुमारी ने 08-06-2007 के पत्र में लिखा कि � �आपका जीवन में कटा भरा हे मुझे आने से कटा भर गया है�, मुझे लगा ही नहीं था कि मेरा पति आप है�। साथ ही पत्र के साथ कटा फोटो भेजी थी।
४.आरोपी ने मनगढ्ढंत, झुठे तथा गम्भीर आरोप लगाकर (किरासन तेल छिडकर जान से मार देंगे, तीन लाख रुपये का सामान दिये हैं और दो लाख रुपये नकद तथा हीरो होण्डा माँग रहे हैं) डराने तथा ठगने के उद्देश्य से 21-03-2012 वैधानिक सूचना दिये थे ।
५.2012 मनोरमा कुमारी ने नया विवाह हेतु कार्य के लिए बिना सिंदुर लगाये तस्वीर खीचाई।
६.आरोपी ने धोखा विवाह, पसन्द न होने तथा न रहने हेतु लिखित दी है।
मैंने थाने में तथा ssp से 04-01-2013 तथा 11-06-2013 शिकायत प्रमाण सहित शिकायत की,परन्तु थाना प्रभारी उसका आरोपी पछ लेकर तथा मुझ पर ही दोष लगाकर प्रतिवेदन दिये है।
मैंने SDJM को झुठे मामले हटाने हेतु 28-11-2013 को पत्र भेजे हैं।
अब मुझे क्या करना चाहिए,कृप्या बताये। धन्यवाद।
1 Answer from Attorneys
very confusing facts.Is manoranjan your legally wedded wife?? If an FIR has been registered against you then you can get it quashed from the highcourt only.for further query contact 9312411481
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