Legal Question in Civil Litigation in India
बिना किसी कारण रंजिश रखने वो उसका अंजाम देने हेतु रची गहरी साजिश बाबत
महोदय
/महोदया
निवेदन है कि एक गैर मौहल्लेवासी हरीश नहीं चाहता था कि मेरे मकान पर गिरे पडे लोहे के पोल का बदला जावे इस हेतु उसने एक गहरी साजिश को अंजाम दिया जिसका मुझे भयंकर खामियाजा भुगतना पड रहा है उसकी गतिविधियों का विवरण निम्न है
1- सर्वप्रथम उसने स्वयं के हस्तारक्षरोयुक्त व गैर मौहल्ले वासी एवं वर्तमान व पूर्व पार्षद से भी भडकाकर पञ पर हस्ताक्षर करवाकर विद्युत विभाग को पञ दिलवाकर यह धमकी दी की नये पोल पुराने पोल के स्थान पर ही लगावें अन्यथा हम न्यायालय में जावेगे
2- इसके पश्चात उसने मेरी पत्नी के चाचा के लडके रामसिंह से यह कहकर पञाचार करवाया की सम्पत्ति का मालिक मै हू मेरे लिये यह कहा गया कि मै नौकर व मेरी पत्नी नौकरानी है मकान उसका है उससे छेडछाड नहीं की जावे
3- रामसिंह के उक्त पञाचार के समर्थन में उस हरीश ने एक फर्जी मेजरनामा लोगों से जिसमें एक दो पडोसी व गैर मौहल्लेजवासियों के हस्ता क्षर करवाकर तैयार किया जिसमें मुझे व मेरी पत्नी को नौकर नौकरानी व जिस मकान पर पोल गिरा पडा है उसे मेरी पत्नी के चाचा के लडके रामसिंह का मकान बताया मेरा उक्त् मकान से कोई संबंध् नहीं होना बताया
4- इसके बाद इसी बीच मेरी पत्नी का उत्तराधिकार प्रमाण पञ का प्रकरण जो कि जिला न्यायालय में अन्तिम आदेश में लगा हुआ था उसमें बीच में मुन्सरिम को एक आवेदन पञ पेश कर रामसिंह ने मेरी पत्नी को किरायेदार कहकर सम्पत्ति का स्वयं वारिस होने की बात साथ ही मेरी पत्नी को फर्जकारी करने के आरोप लगाकर आदेश 1 नियम 10 जाप्ता दीवानी का पक्षकार बनाये जाने का आवेदन पञ पेश किया
5- अब तक हमारी जानकारी में आये तथ्यों के अनुसार हमने 133 सी आर पी सी के तहत न्यूसेंस का मुकदमा जिसमें विद्युत विभाग व हरीश व रामसिंह को पक्षकार बनाया जाकर लगा दिया लेकिन न्यायालय में रीडर को जानकारी नहीं होने पर उसने उक्त् प्रकरण अनावश्यक न्यायालय प्रक्रिया के विरूद्व जवाब में प्रकरण को लगा दिया
6- इस बीच प्राप्त जानकारी अनुसार हमने मेरी पत्नी के चाचा के लडके ने मुझे नौकर व मेरी पत्नी को नौकरानी कहने पर आई पी सी की धारा 500 के तहत मेरी पत्नी की ओर से फौजदारी मुकदमा लगा दिया
7- इसके बाद अभी उक्त 133 सी आर पी सी प्रकरण का कोई निर्णय नहीं होता है इस बीच रामसिंह adj कोर्ट में एक सिविल वाद विद्युत विभाग को स्थाई निषाघाज्ञा से पाबन्द करवाने हेतु इस आश्य से करता है कि वो और उसका बाप उक्तत मकान में रहते थे उक्ता मकान मालिक की मृत्यु के बाद वो उस मकान का अकेला वारिस है विद्युत विभाग उस मकान पर से सरकारी लाईन हटाकर मकान से छेडछाड करना चाहते है तथा उस मकान के मूल कागजात लगाये बिना उसके स्थान पर उसी मकान मालिक के सामने वाले दूसरे मकान के दस्तावेज की नकल प्रतिलिपि लगा कर सिविल वाद विद्युत विभाग को पक्षकार बनाकर करता है कि वो उस मकान से छेडछाड नहीं करे जबकि उसने मेरी पत्नी को उक्त वाद में पक्षकार नहीं बनाया है ना ही उक्त वाद में पूर्व इस बाबत चल रहे केस 133 सी आर पी सी का व मेरी पत्नी के उत्ततराधिकार प्रमाण पञ में रामसिंह द्वारा लगाये गये आदेश 1 नियम 10 जाप्ता दीवानी के आवेदन पञ का उल्लेख किया
8- इस बीच विद्युत विभाग वाले मय पुलिस जाप्ते के उस विद्युत पोल के स्थान पर नये विद्युत पोल को लगा कर अपना कार्य पूरा कर गये इस कार्य के पूर्ण होने के पश्चा त विद्युत विभाग से कोई कार्य शेष नहीं रहता है
9- इसके बाद रामसिंह के संबंध में मेरी पत्नी द्वारा किये गये आई पी सी की धारा 500 के तहत मुकदमें में माननीय न्या यालय ने प्रसंज्ञान लेकर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 499 सपठित धारा 500 के तहत उसे मुलजिम बनाने के आदेश जारी कर दिये
कृप्यां निम्न स्थिति में की जाने वाली संभावित कानूनी कार्यवाहियों के संबंध में जानकारी उपलब्धं करवाकर मुझे अनुग्रहित करने की अनुकंपा फरमाये---
(1) उस हरिश के विरूद्व धोखाधडी कर फर्जी कूटरचित वास्त विक तथ्यों से परे तथ्यों पर आधारित मेजरनामा तैयार करना व रामसिंह का सहारा लेकर उस मेजरनामा को सरकारी कार्यालय में बतौर साक्ष्य काम मे लेना व वर्तमान में बिना किसी सक्षम दस्तारवेज के जिससे की अधिकार सिद्व हो सके के विपरित काल्पानिक व झूंठे तथ्यों के आधार पर पञाचार करना के विरूद्व हम किस प्रकार की फौजदारी कार्यवाही कर सकते है जबकि अब तक परिस्थिति इस प्रकार की रही है
(2) इस संबंध में पुलिस में शिकायत की गई लेकिन कोई कानूनी कार्यवाही न करके पारिवारिक विवाद का नाम देकर प्रकरण शान्त कर दिया इसी प्रकार विद्युत विभाग को भी बार-बार लिखने पर भी सरकारी कार्य में बाधा व रूकावट पैदा करने कूटरचित साक्ष्यों का सहारा लेना झूंठे तथ्यों पर आधारित पञाचार करना इत्यादि के संबंध में कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की गई है
(3) रामसिंह द्वारा विद्युत विभाग पर झूंठा मुकदमा वो भी सरकारी विद्युत लाईन को दुरूस्ति करने से रोकने बाबत मुकदमा करने पर किस प्रकार की एवं किस स्थिति में कार्यवाही की जा सकता है हमारा विद्युत का कार्य सम्पासदित हो गया है इस प्रकार रामसिह द्वारा किया गया मुकदमा वैसे तो हमें पक्षकार नहीं बनाया है कोई मायने नहीं रखता है क्या हमारे स्तर से कोई कानूनी कार्यवाही अपेक्षित है
(5) मेरी पत्नी के उत्तराधिकार प्रमाण पञ के वक्त आदेश झूंठे तथ्यों पर रामसिंह ने आवेदन आदेश 1 नियम 10 जाप्ता दीवानी का पक्षकार बनाये जाने हेतु लगाया है मेरी पत्नीं ने जिनकी सम्पत्ति बाबत उत्ताराधिकार प्रमाण पञ हेतु माननीय न्यायालय के आवेदन किया है उन्होंने जो कि उनके मौसा (नारायण) लगते थे ने मौखिक रूप से पुञी मानकर बचपन से ही उन्हों ने अपने पास रखा था जिसके साक्ष्य वोटर पहचान पञ राशन कार्ड में नाम व नोमीनी में पुञी का संबंध् व संयुक्त जमाये है पढाई में पिता का पुराना नाम ही चला आ रहा है मेरी पत्नी के पक्ष में वसीयत की हुई है नारायण के कोई भाई बहिन नहीं थे वो अपने पिता की इकलौती औलाद थी अत हम उस व्यक्ति रामसिंह के पक्षकार बनने के आवेदन पञ को माननीय न्यायालय से किस प्रकार खारिज करवा सकते है जबकि वो माननीय न्याथयालय के समक्ष मेरी पत्नी को किरायेदार बताकर आया है जबकि इससे पहले उसने मेरी पत्नी को स्वयं के द्वारा रखी नौकरानी जिला कलेक्टर व विद्युत विभाग को लिखे पञों के द्वारा बताता है साथ ही रामसिंह द्वारा इस प्रकार हमें परेशान करने के लिये की गई गतिविधियों के संबंध में हम माननीय न्यायालय से किस प्रकार की राहत प्राप्त कर सकते है क्यां आदेश 1 नियम 10 जाप्तां दीवानी के पेश आवेदन पञ के संबंध में भी किसी प्रकार की फौजदारी कार्यवाही हेतु माननीय न्याययालय से निवेदन किया जा सकता है
अन्य जो भी कार्यवाही आवश्य क हो यथा फौजदारी या अन्य किसी प्रकार की भी से भी अवगत करा कर मुझे अनुग्रहित करने की अनुकंपा फरमाये
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